प्रेम भले ही हैं हर रिश्तों की जुरूरती !! - ZorbaBooks

प्रेम भले ही हैं हर रिश्तों की जुरूरती !!

प्रेम भले ही हैं हर रिश्तों की जुरूरती

बुनियाद पर झूठी प्रेम के लिए भीख

मांगना मुझे, हरग़िज पसंद नहीं !!

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Rahul kiran
Bihar