Description
जब कोई इस माहौल में आता है तो पाता है कि वह सामान्य जीवन में मिलने वाली सामान्य चीजों से बिल्कुल अलग माहौल और माहौल में है। इस जगह के बारे में एक पवित्रता है। इस जगह पर शैक्षिक माहौल है। एक शोध सुगंध इस जगह को घेर लेती है। और सबसे बढ़कर, सेवा और समर्पण की भावना पूरे परवान चढ़ती है। यह वास्तव में सौभाग्यशाली है कि आप सभी के पास ऐसा दुर्लभ संयोजन है जो आपके लिए जीवन में सबसे अच्छा है।
— पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन का 16 मार्च, 1992 में दयालबाग निवासियों को संबोधन
इस पुस्तक ‘‘हमारा दयालबाग’’ में, मेरे पिता ने दयालबाग के जीवन के सरल तरीके और सत्संग दर्शन पर अपनी समझ और कुछ पवित्र पुस्तकों के सन्दर्भ में अपने व्यक्तिगत विचार व्यक्त किए हैं। मूल रूप से मेरे माता-पिता ने हाथ से लिखे गए इस संग्रह कोग्रेशियस हज़ूर डाॅ एम.बी. लाल साहब के समक्ष 1 जनवरी, 1980 को प्रस्तुत किया।
मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि मेरे पिता के विचारों का यह संग्रह दयालबाग के जीवन को सरल शब्दो में समझने का एक अच्छा तरीका है और इन विचारों को पढ़कर कोई भी विशेषकर युवा को लाभान्वित किया जा सकता है।
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